टहलते हुए आइए, सोचते हुए जाइए.

Thursday, January 27, 2011

एक फोकस में अध्यापक और छात्र .


तुम बडे हो कर क्या करोगे?
शादी.
मेरा मतलब, क्या बनोगे?
दूल्हा.
मैंने पूछा कि बडे होकर क्या हासिल करोगे?
दुल्हन
अरे, मेरा मतलब, बडे होकर मम्मी पापा के लिए क्या करोगे?
बहू लाऊंगा.
अरे बेवकूफ! तुम्हारे पापा तुमसे क्या चाहते हैं?
पोता
हे भगवान! तुम्हारी ज़िंदगी का क्या मकसद है?
हम दो, हमारे दो.

2 comments:

Shikha Kaushik said...

vibha ji bahut hi achcha hasymayi post prastut ki hai aapne .badhai .

Anonymous said...

बहुत देर से पढ़ा लेकिन अच्छा लगा